Relish your life
  • होम
  • ब्लॉग
    • सेल्फ केयर
    • होम केयर
    • फूड फैक्ट
    • क्विज़ीन
    • पेरन्टींग
    • ज्योतिष
    • वास्तु
    • यात्रा
    • दृष्टिकोण
  • हमारे बारे में

मंगल दोष : समाधान

By Ajay Sinha, अक्टूबर 18, 2020 Posted in: ज्योतिष

मंगल दोष से संबंधित पहले लेख “मंगल दोष : एक स्पष्टीकरण” के माध्यम से भ्रांतियों से अवगत करने का प्रयास किया था। इसी क्रम में दूसरे लेख को समाधान केंद्रित कर प्रस्तुत कर रहे है।

किसी भी जन्मकुण्डली में जन्म-लग्न या चंद्र-लग्न से 1, 2, 4, 7, 8 एवं 12वें स्थान में मंगल के बैठने से मंगल दोष लगता है।

मंगल दोष का स्वतः परिहार:

मंगल दोष समाधान के संदर्भ में हमें सर्वप्रथम उन ग्रह स्थितियों को जान लेना चाहिए जिनके कारण किसी जन्मकुण्डली में मंगल दोष का पूर्णत: परिहार स्वत: ही हो जाता है। ऐसी स्थितियां निम्नांकित हैं:-

  1. यदि मंगल स्वयं ही लग्नेश, सप्तमेश या राशिश: हो।
  2. लग्न स्थान में मंगल के सिंह राशि का होने पर, द्वितीय स्थान में मिथुन या कन्या राशि का होने पर, चतुर्थ भाव में मेष या वृश्चिक राशि का होने पर, सप्तम भाव में मकर या कर्क का होने पर, अष्टम स्थान में कर्क, धनु या मीन का होने पर तथा द्वादश भाव में वृष या तुला राशि का होने पर मंगल दोष का शमन होता है।
  3. मंगल-बृहस्पति एक साथ हों, या मंगल बृहस्पति से पूर्णत: दृष्ट हो। परंतु ऐसे बृहस्पति को शुभ भावों का अधिपति होना चाहिए।
  4. सबल शुभ ग्रह सप्तमेश होकर सप्तमस्थ हो या सप्तम भाव पर पूर्ण दृष्टि रखता हो।
  5. लग्न से दूसरे स्थान में पाप ग्रह हो या मंगल एवं राहु किसी भी भाव में एक साथ हों।
  6. लग्न से चंद्र-शुक्र द्वितीय स्थान में हो या सबल एवं शुभ चंद्र लग्न से केंद्र में हो।

उपरोक्त ग्रह स्थितियों में से किसी के भी लागू होने पर जन्म कुण्डली मंगल दोष से मुक्त हो जाती है।

विवाह हेतु कुंडली मिलने पर मंगल दोष का समाधान:

मंगल दोष की अत्यधिक चर्चा विवाह के समय भावी वर वधू की कुंडली मिलने के समय होती है। यहाँ भी कुछ विशेष स्थितियों में मंगल दोष का स्वतः समाधान होता है:-

  1. वर कन्या दोनों की कुण्डलियां मंगल दोष युक्त हों।
  2. वर-कन्या में से किसी एक की जन्मकुण्डली में 1, 2, 4, 7, 8 एवं 12वें भाव में मंगल के स्थान पर शनि या कोई अन्य पाप ग्रह हो तो मंगल दोष नहीं लगता।
  3. वर-कन्या के राशिश: परस्पर मित्र हों या एकाधिपत्य योग बनता हो।
  4. जन्म कुण्डली अधिक गुणों से मिले तथा वर-कन्या के लग्नेश-सप्तमेश परस्पर मित्र हों।

विशेष उपायों द्वारा मंगल दोष का समाधान:

किसी भी प्रकार से मंगल दोष का समापन न होने की स्थिति पर निम्नलिखित समाधान का अवलम्बन करने से मंगल दोष का शमन होता है।

  • कुंभ विवाह,
  • मंगल-गौरी व्रत,
  • वैदिक रीति से निर्मित्त मंगल-कवच धारण करना एवं
  • विशेष धार्मिक अनुष्ठानों द्वारा ग्रह शांति करना

अंत में, यह उल्लेखनीय है कि 1, 2, 12, 4, 7 एवं 8वें स्थान में स्थित मंगल के अशुभ प्रभाव में क्रमश: वृद्धि होती जाती है। अभिप्राय यह है कि प्रथम स्थान का मंगल न्यूनतम एवं अष्टम स्थान का मंगल अधिकतम अनिष्टकारी होता है।

आशा है मंगल दोष पर लिखे दोनों लेख के माध्यम से मंगल से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने का मेरा ये प्रयास सफल रहेगा। आगे भी ज्योतिष संबंधी जानकारी के लिए हम से जुड़े रहिये। आप के जीवन की मंगल कामना के साथ …

– अजय सिन्हा

आचार्य फलित ज्योतिष एवं औरा विश्लेषक

ज्योतिष समबंधित जानकारी, मंगल-कवच & धार्मिक अनुष्ठानों के लिए संपर्क करे

मोबाईल नंबर +91-9431077891

ईमेल आइडी – astrologerajaysinha@gmail.com




Tags: mangalmangaldoshमंगलमंगलदोषसमाधान

Related Posts

मंगल दोष : एक स्पष्टीकरण

मंगल दोष : एक स्पष्टीकरण

By Ajay Sinha, अक्टूबर 1, 2020
Posted in: ज्योतिष

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में कई प्रकार के दोष बताए गए हैं, इन्हीं दोषों में से एक है मांगलिक दोष, यह दोष जिस व्यक्ति की कुंडली में होता है वह मांगलिक कहलाता है। मंगल दोष को ले कर कई प्रकार की भ्रांतियाँ लोगों के मन मे रहती है। आज…

Read More

Tags: astromangalmangaldoshgrahgrahdasha
मंगल दोष : एक स्पष्टीकरण
जड़ी  – ग्रह रत्न विकल्प

जड़ी – ग्रह रत्न विकल्प

By Ajay Sinha, दिसम्बर 6, 2020
Posted in: ज्योतिष

ग्रह दशाएं हमारे जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित करती हैं। चाहे वह स्वास्थ्य से सम्बंधित हो या हमारे कार्य या मनोदशा से। ये ग्रह दशाएं समय के साथ साथ बदलती रहती है। अनुकूल समय में इन दशाओ का प्रभाव बढ़ाने और प्रतिकूल समय में इनका प्रभाव न्यूनतम करने के…

Read More

Tags: ग्रहरत्न विकल्पजड़ी ज्योतिष
जड़ी  – ग्रह रत्न विकल्प
ज्योतिष और सर्जरी : हिप्पोक्रेटस्

ज्योतिष और सर्जरी : हिप्पोक्रेटस्

By Ajay Sinha, जनवरी 31, 2021
Posted in: ज्योतिष

ये जान के आप को आश्चर्य और गर्व होगा की प्राचीन काल से ही भारतीय ज्योतिष विज्ञान को वैश्विक रूप से अपनाया गया था, इसका एक उदाहरण डॉक्टरों द्वारा ली जाने वाली हिप्पोक्रेटिक ओथ मे भी मिलता है। आधुनिक पाश्चात्य चिकित्सा विज्ञान के जन्मदाता "हिपोक्रेट्स" का पूरा नाम हिपोक्रेट्स अस्केलेपिड्स…

Read More

Tags: ज्योतिषडॉक्टरastroचंद्रastrologyसर्जरीsurgeryओथmedical oathPanaceiaAsclepiusHygieiahippocraticjyotish
ज्योतिष और सर्जरी : हिप्पोक्रेटस्

Previous Post

मंगल दोष : एक स्पष्टीकरण

Next Post

7 आदतें जो आपके किशोरों के संपूर्ण विकास में सहायक है

LANGUAGE SELECTOR

हिन्दी HI English EN

RYL Coupons

POST CATEGORY

  • ज्योतिष
  • कुजीन
  • भोजन के तथ्य
  • घर की देखभाल
  • पेरेंटिंग
  • खुद की देखभाल
  • यात्रा वृत्तांत
  • वास्तु
  • दृष्टिकोण

क्या आप इनमे से कुछ ढून्ढ रहें हैं ?

astro bacteria care child cuisine curd depression detox diabetes diabetes care diabetic diet food plan diabetic meal plans for weight loss diabetic weight loss diet plan diet dietician diet plan excercise family fibre fitness food healthy diet plan for diabetics lifestyle monsoon nutrition nutritionist olive oil parenting PCOD PCOS probiotic protien relish relishyourlife rice self care sleep stress the diabetic diet meal plan water weight gain diet plan for diabetics weight loss weightloss www diabetic diet meal planning yoga

© 2025 Relish your life All Rights Reserved

  • फेसबुक
  • ट्विटर
  • इंस्टाग्राम
  • हिन्दी