Relish your life
  • होम
  • ब्लॉग
    • सेल्फ केयर
    • होम केयर
    • फूड फैक्ट
    • क्विज़ीन
    • पेरन्टींग
    • ज्योतिष
    • वास्तु
    • यात्रा
    • दृष्टिकोण
  • हमारे बारे में

टाइमलेस ऑथर….

By Rashmi, सितम्बर 21, 2016 Posted in: दृष्टिकोण

रीडिंग ऐसा शौक है जो घर बैठे बैठे आपके मन के द्वार को पूरे विश्व से कनेक्ट करता है। पुस्तकें हमारी बेहतरीन दोस्त, गाइड और मेन्टर की तरह हैं, जो साहित्य से तो रिश्ता बनाती ही है साथ ही मानसिक सुकून भी देती हैं। लेखक हमारे समाज को दिशा प्रदान करते हैं और साथ ही उनका लिखा हुआ साहित्य भविष्य और भूतकाल को भी जोड़े रखता है।

यहाँ हम कुछ ऐसे ही पाँच लेखकों और उनके द्वारा लिखी कुछ फेमस रचनाओ के बारे में बात करेंगे जिसकी वजह से साहित्य वर्ल्ड में उन्हें टाइमलेस ऑथर बना दिया।

 जेन ऑस्टिन: इन प्रख्यात इंग्लिश नॉवेल लेखिका का पसंदीदा टॉपिक रोमेन्टीक फिक्शन था। इनका जीवन काल 16th दिसम्बर 1775 से 18th जुलाई 1817 था। इनके द्वारा लिखे गए  नॉवेल बहुत ही अधिक पसंद किये जाते हैं।

19th शताब्दी के समय में लिटेरेरी रियलिज़्म, बिटर आइरनी, सोशल नोट्स जैसे विषयों पर लिखे हुए साहित्य ने इन्हें उस समय के प्रख्यात विद्वानों के बीच स्थान दिया।

अपने जीवन काल में उनके द्वारा रचित नॉवेल जैसे ‘सेन्स एण्ड सेन्सिबिलिटी’ (1811), ‘प्राइड एण्ड प्रेजुडिस’ (1813), ‘मेंसफील्ड पार्क’ (1814) और ‘एम्मा’ (1815) हैं। उनके लिखने का प्लॉट ज्यादातर महिलाओं पर केंद्रित थे और महिलाओं के जीवन के विभिन्न घटक जैसे शादी, आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा के बारे में उन्होंने बहुत अच्छे से वर्णन किया है। ये बहुत आश्चर्यजनक है कि अपने जीवन कल में वे बहुत अधिक प्रसिद्ध नहीं हुई। सन 1869  में उनके एक रिलेटिव ने उनकी रचित पुस्तक ‘अ मेमोइरे ऑफ जेन ऑस्टिन’ (1869)” को प्रकाशित किया और इसे रीडर्स के बीच में दूर दूर तक पहुँचाया । इस पुस्तक ने उनके लेखन को वो बड़ा आयाम दिया और 1940 में जेन को महान इंग्लिश लेखिका के रूप में स्थान दिलाया।

एमिली ब्रॉन्टे: एमिली एक प्रख्यात इंग्लिश नावलिस्ट और पोएट थी जिनका जीवन काल 30th जुलाई 1818 से 19th 1848 तक रहा। इनकी सुप्रसिद्ध नॉवेल ‘wuthering heights’ 1847 में लंदन में प्रकाशित हुई, जिसे इन्होंने एलीस बेल के नाम से लिखा था।

इस पुस्तक ने इन्हे बहुत ख्याति दिलाई। बाद में यही पुस्तक उनके ओरिजनल नाम से पब्लिश हुई। इस नॉवेल में उन्होंने लव, पेशन और वायलेन्स जैसी भावनाओं को अपनी अद्भुत कल्पना, जोरदार भाषा से वास्तविक बना दिया था। ये क्लासिक नॉवेल आज भी एवरग्रीन नोवेल्स की श्रेणी में है। इन्होंने सिर्फ यही नॉवेल लिखा है पर इसी एक रचना ने इन्हें लेखकों के बीच अहम स्थान दिलाया।

लियो टॉलस्टॉय: इनका जीवन काल 9th सितंबर 1828 से 20th नवंबर 1910 तक रहा। ये रशियन राइटर थे जिन्हे सर्वसम्मति से महान लेखकों के बीच स्थान मिला हुआ है। इनकी लेखन शैली इतनी सरल, धाराप्रवाह और सधी हुई है कि ये पढ़ने वाले के अंदर समाहित होती चली जाती है। लगता है जैसे शब्द सिर्फ लिखे ही नहीं हैं बल्कि ये स्वयं आप से संवाद कर रहे हैं।

इनके उपन्यासों में 19 वीं शताब्दी के रशियन समाज की झलक देखने को मिलती है। इनके सुप्रसिद्ध उपन्यासों में ‘अन्ना केरिनिना’ (1877) और ‘वार एण्ड पीस’ (1869) हैं। इन्होंने बच्चों के लिए भी कई कहानियाँ, नाटक और निबंध लिखे है। मुझे लगता है हम सभी ने अपने स्टडी पीरियड में इनका लिखी कोई ना कोई रचना तो पढ़ी ही है। अपने बाद के समय में ये बहुत धार्मिक हो गए थे और उस समय के कई राजनेताओं को भी इन्होंने प्रभावित किया था।

आर. के. नारायणन: इनका पूरा नाम रासीपुरम कृष्णस्वामी अय्यर नारायण स्वामी था। ये प्रमुख भारतीय लेखकों में से एक हैं, जिनका जीवन काल 10th ऑक्टूबर 1906 से 13thमई 2001 तक रहा। इन्होंने इंग्लिश भाषा में कई साहित्यों की रचना की है। इनकी रचनाओं की खासियत है कि इन्होंने समान्य जन जीवन के बारे में, अपने आस पास हो रही चीजों के बारे में इतने रोचक तरीके से लिखा है कि आप पढ़ते पढ़ते उसमें खो से जाते है। बड़ी सहजता से आप इनके किरदारों की कल्पना कर सकते है और उनसे कनेक्ट महसूस करते है।

आप सब को ‘मालगुड़ी डेज़’ तो याद ही होगा, मालगुड़ी इनका बनाया हुआ काल्पनिक कस्बा है।  इसमें स्वामी, उसके दोस्त और उनका परिवार मुख्य किरदार हैं। इस पर बाद में एक टेलीविजन सीरीज भी बनाई गई थी जिसे आप सभी ने जरूर देखा होगा। स्वामी हम सभी के बचपन का एक काल्पनिक दोस्त जैसा बच्चा है जिससे आप सभी जुड़ाव महसूस कर सकते हैं।

इसके अलावा इनके द्वारा लिखे प्रसिद्ध टाइटल है, ‘द बेचलर ऑफ आर्ट्स’, ‘द वर्ड ऑफ नागाराज’ और ‘द इंग्लिश टीचर’ हैं। इनकी लेखन शैली सहज, साधारण, कॉमिक और सबके दिलों को छू लेने वाली है। इन्हें अपनी रचना ‘द गाइड’ के लिए साहित्य अकैडमी पुरुस्कार से भी सम्मानित किया गया था। इस रचना पर बाद में एक फिल्म भी बनी थी, जिसमे देवानंद, वहीदा रहमान ने अभिनय किया था। उन्हें पद्म भूषण (1964), रॉयल सोसाइटी ऑफ लिटरेचर द्वारा AC बेनसॉन मेडल और 2001 में भारत के द्वितीय सबसे बड़े सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

रस्किन बॉन्ड: इनका जन्म 19th मई 1934 में हुआ था और ये मसूरी में पले बढ़े। इन्होंने बच्चों के साहित्य में बहुत बड़ा योगदान दिया जिसके लिए इंडियन काउन्सल फॉर चाइल्ड एजुकेशन ने बच्चों के साहित्यिक विकास में बहुत अधिक सराहा। जैसे कि इन्होंने अपना बचपन पहाड़ों में बिताया था तो इनकी रचनाओं में भी हिमालय की झलक भली-भांति देखने को मिलती है।

सत्रह वर्ष की उम्र में लिखा हुआ, एवं 21 वर्ष में प्रकाशित नॉवेल द ‘रूम ऑन द रुफ’ इनके बेहतरीन रचनाओं में से एक है। एंग्री रिवर (1970), द ब्लू अंब्रेला इनकी अन्य रचनाएं हैं। धारावाहिक ‘एक था रस्टी’ इन्ही की नॉवेल से प्रेरित है। 2011 में विशाल भारद्वाज की फिल्म ‘सात खून माफ’ इनकी रचना ‘सुसाना सेवन हसबेन्ड’ से प्रेरित थी। इन्हें अपने लेखन के लिए कई पुरस्कार से सम्मानित किया गया जिसमे ‘साहित्य एकेडमी’ (1992), ‘पद्म श्री’ (1999), ‘पद्म भूषण’ (2014) शामिल है।

ये तो सिर्फ कुछ नाम हैं, पर साहित्य को समृद्ध करने वाले ऐसे कई लेखक है जिनकी रचनाएं हमारी सोच, समझ के विकास मे बहुत अधिक सहायक हो सकती है। अच्छा साहित्य हमारे मष्तिष्क को सोचने के नए आयाम देती हैं। अतः अपनी फेवरेट पुस्तक का चयन कीजिए और घर का एक कोज़ी कॉर्नर चुनिये ताकि आप शांत मन से अपने विचारों को उड़ान लेने दे और जीवन का आनंद ले…      

Tags: Malgudi DaysGuideAuthorsThe Room on the RoofJane AustenPadma ShriEmily BrontePadma BhushanLeo TolstoySahitya Akademi AwardRK NarayanPadma VibhushanRuskin BondPride and PrejudiceWuthering HeightsWar and Peace

Related Posts

बियॉन्ड द बॉउन्डरीज….

बियॉन्ड द बॉउन्डरीज….

By Rashmi, अप्रैल 22, 2018
Posted in: दृष्टिकोण

{:en} Feelings and senses has no language. Whether you are in your own country or outside, some expressions are same everywhere, either it is pain, sorrow, love or happiness- all have the same way of expressions. Once, I had an opportunity to stay in a different country with my family,…

Read More

Tags: familychildboundariesexpressionhappiness
बियॉन्ड द बॉउन्डरीज….
इम्बाईबिंग महात्मा

इम्बाईबिंग महात्मा

By Rashmi, अक्टूबर 2, 2016
Posted in: दृष्टिकोण

{:en} A lot is there to learn from life and thought of Mahatma Gandhi; he was indeed a true saint of modern era. His words are eternal and once imbibed in life they start reflecting in our deeds. The sayings of Mahatma is resonating the world over. It’s not so…

Read More

Tags: gandhimkgandhipeace2nd Octobersawch bharatfamous quotesrelishyourliferelishrelish your lifemahatma
इम्बाईबिंग महात्मा
मॉनसून मेलोडीज़

मॉनसून मेलोडीज़

By Rashmi, जुलाई 17, 2016
Posted in: दृष्टिकोण

{:en}Monsoon season comes not only with beautiful aromas of earthen and yummy food but also with some mentally soothing and mood swinging music from different collection of Bollywood songs. Imagine – one fine rainy day, you are sitting on the balcony galloping some mouthwatering snacks and tea and the background…

Read More

Tags: songsbollywoodrain songsmelodyrelishyourliferelishmonsoonrainy season
मॉनसून मेलोडीज़

Previous Post

PCOS के कारण…

Next Post

करेक्ट पॉश्चर

LANGUAGE SELECTOR

हिन्दी HI English EN

RYL Coupons

POST CATEGORY

  • ज्योतिष
  • कुजीन
  • भोजन के तथ्य
  • घर की देखभाल
  • पेरेंटिंग
  • खुद की देखभाल
  • यात्रा वृत्तांत
  • वास्तु
  • दृष्टिकोण

क्या आप इनमे से कुछ ढून्ढ रहें हैं ?

astro bacteria care child cuisine curd depression detox diabetes diabetes care diabetic diet food plan diabetic meal plans for weight loss diabetic weight loss diet plan diet dietician diet plan excercise family fibre fitness food healthy diet plan for diabetics lifestyle monsoon nutrition nutritionist olive oil parenting PCOD PCOS probiotic protien relish relishyourlife rice self care sleep stress the diabetic diet meal plan water weight gain diet plan for diabetics weight loss weightloss www diabetic diet meal planning yoga

© 2025 Relish your life All Rights Reserved

  • फेसबुक
  • ट्विटर
  • इंस्टाग्राम
  • हिन्दी